वैश्विक यात्रा और पर्यटन प्रतिस्पर्धा की रैंकिंग में हुआ सुधार, 34वें स्थान पर पहुंचा भारत

नई दिल्ली। वैश्विक यात्रा और पर्यटन प्रतिस्पर्धा की रैंकिंग में इस साल भारत 34वें स्थान पर पहुंच गया। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की तरफ से जारी रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। पिछली बार के मुकाबले इस बार देश की रैंकिंग छह स्थान ऊपर आई है। 2017 में भारत 40वें स्थान पर था फोरम ने रिपोर्ट में कहा है कि प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधन के मामले में भारत काफी समृद्ध है। साथ ही कीमत के लिहाज से भी भारत में पर्यटन काफी प्रतिस्पर्धी है।




कम आय वाले कई देश टॉप-35 में शामिल: रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया में यात्रा और पर्यटन की जीडीपी का अधिकांश हिस्सा भारत से ही आता है। अभी भी उपमहाद्वीप में भारत सबसे प्रतिस्पर्धी यात्रा-पर्यटन अर्थव्यवस्था है।
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन, मैक्सिको, मलेशिया, थाईलैंड, ब्राजील और भारत उच्च आय वाली अर्थव्यवस्था नहीं हैं, लेकिन सांस्कृति संसाधन और व्यापारिक यात्रा के वर्ग में यह सब टॉप-35 देशों में शामिल हैं।


इसकी बड़ी वजह इनके प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधन के मामले में इनका समृद्ध होना और कीमत के लिहाज से प्रतिस्पर्धी होना है। 5 वर्गों में भारत की रैंकिंग बेहतर: बेहतर वातावरण के वर्ग में भारत को 33वीं रैंक दी गई है, जबकि ग्राउंड और पोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर में देशो को 28वां स्थान मिला है। इसके अलावा भारत अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता में 51वें, प्राकृतिक सुंदरता में 14वें और सांस्कृतिक संसाधन वर्ग में 8वें स्थान पर है। इस सूचकांक में कुल 140 देशों को शामिल किया गया है। डब्ल्यूईएफ की इस रैंकिंग में स्पेन टॉप पर रहा है। इसके बाद फ्रांस दूसरे, जर्मनी तीसरे, जापान चौथे और अमेरिका पांचवें नंबर पर है। ब्रिटेन की रैंकिंग पांचवे स्थान से खिसककर छठे पर आ गई है।






फोरम ने रिपोर्ट में कहा है कि प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधन के मामले में भारत काफी समृद्ध है। साथ ही कीमत के लिहाज से भी भारत में पर्यटन काफी प्रतिस्पर्धी है। कम आय वाले कई देश टॉप-35 में शामिल: रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया में यात्रा और पर्यटन की जीडीपी का अधिकांश हिस्सा भारत से ही आता है। अभी भी उपमहाद्वीप में भारत सबसे प्रतिस्पर्धी यात्रा-पर्यटन अर्थव्यवस्था है।


रिपोर्ट के मुताबिक, चीन, मैक्सिको, मलेशिया, थाईलैंड, ब्राजील और भारत उच्च आय वाली अर्थव्यवस्था नहीं हैं, लेकिन सांस्कृति संसाधन और व्यापारिक यात्रा के वर्ग में यह सब टॉप-35 देशों में शामिल हैं।




इसकी बड़ी वजह इनके प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधन के मामले में इनका समृद्ध होना और कीमत के लिहाज से प्रतिस्पर्धी होना है। 5 वर्गों में भारत की रैंकिंग बेहतर: बेहतर वातावरण के वर्ग में भारत को 33वीं रैंक दी गई है, जबकि ग्राउंड और पोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर में देशो को 28वां स्थान मिला है। इसके अलावा भारत अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता में 51वें, प्राकृतिक सुंदरता में 14वें और सांस्कृतिक संसाधन वर्ग में 8वें स्थान पर है। इस सूचकांक में कुल 140 देशों को शामिल किया गया है। डब्ल्यूईएफ की इस रैंकिंग में स्पेन टॉप पर रहा है। इसके बाद फ्रांस दूसरे, जर्मनी तीसरे, जापान चौथे और अमेरिका पांचवें नंबर पर है। ब्रिटेन की रैंकिंग पांचवे स्थान से खिसककर छठे पर आ गई है।