इंदौर। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास गेहूं का भारी-भरकम स्टॉक बाजार से ऊंचे भाव के कारण सरकार के लिए मुसीबत बनता नजर आ रहा है। दलहन को हर भाव पर बेचने की कोशिश में लगी सरकार यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी बिक्री के लिए गेहूं जारी कर दे तो स्टॉक हल्का हो सकता है।
पहले पखवाड़े नाममात्र का माल बिकने से एफसीआई बहुत परेशान है। केंद्र सरकार ने बीते फसल सीजन में 300 लाख टन गेहूं खरीदा है और 100 लाख टन पुराना स्टॉक है। इस हिसाब से कुल स्टॉक 400 लाख टन बैठता है। एफसीआई की योजना के अनुसार वर्ष के चार पखवाड़ों के लिए जारी भाव पर पहले पखवाड़े में नाममात्र की बिक्री ने खासी परेशानी खड़ी कर दी।
मौजूदा भाव पर बिक्री मुश्किल
वर्तमान बाजार भाव पर आगे भी सरकारी गेहूं की बिक्री मुश्किल है। कमोबेश यही स्थिति अन्य राज्यों में भी है। उत्तर प्रदेश और पंजाब में भी खुली बिक्री में उपलब्ध माल के समक्ष सरकारी माल की बिक्री कमजोर है। ऐसे में भाव कम करना ही एकमात्र विकल्प है। सरकार ने अगले पखवाड़े के लिए 55 रुपए प्रति क्विंटल की जो बढ़ोतरी की है, उसके कारण बिक्री और मुश्किल हो सकती है। मध्य प्रदेश में इस पखवाड़े आईटीसी के आलावा कोई बड़ा खरीदार न मिलने से सरकारी गोदाम भरे पड़े हैं। इस स्थिति में आगामी खरीफ फसल के दौरान सरकार को दलहन-तिलहन की खरीदी के समय नया माल रखने में परेशानी आ सकती है।