- अमेरिका और बोइंग कंपनी से 2015 में 4168 करोड़ रु. में 22 अपाचे के लिए सौदा हुआ था
- 22 अपाचे हेलिकॉप्टर में से 11 पाक और 11 चीन सीमा के पास तैनात किए जाएंगे
- पंजाब और जम्मू-कश्मीर बॉर्डर पर पाक हमले की स्थिति में तुरंत बड़ा एक्शन लिया जा सकेगा
- भारत अपाचे हेलिकॉप्टर को जंगी बेड़े में शामिल करने वाले दुनिया का 14वां देश
पठानकोट| अमेरिका से खरीदे गए अत्याधुनिक आठ अपाचे हेलिकॉप्टर मंगलवार को भारतीय वायुसेना के जंगी बेड़े में शामिल हो गए। फिलहाल इन्हें पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर तैनात किया गया है। एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ की मौजूदगी में हुई इंडक्शन सेरेमनी में इन हेलिकॉप्टर को वॉटर केनन सैल्यूट दिया गया।
भारत का 2015 में अमेरिका और बोइंग कंपनी से 4168 रुपए में 22 अपाचे खरीदने का करार हुआ था। माना जा रहा है कि 2020 तक ये सभी वायुसेना के बेड़े में शामिल हो जाएंगे। इनमें से 11 पाक सीमा के साथ पठानकोट और 11 चीन सीमा के साथ असम के जोरहाट में तैनात किए जाएंगे। इससे पाकिस्तान और चीन की हरकतों पर नजर रखने में आसानी होगी। एयरफोर्स में अपाचे की तैनाती ऐसे समय की जा रही है जब धनोआ ने बयान दिया है कि हम 40 साल पुराने फाइटर उड़ा रहे हैं।
अब आतंकी हमले पर तुरंत लिया जा सकेगा एक्शन
- पंजाब और जम्मू-कश्मीर बॉर्डर पर पाक हमले की स्थिति में तुरंत बड़ा एक्शन लिया जा सकेगा।
- पाक के सबसे करीब पठानकोट एयरबेस सुरक्षित होगा, जहां घुसे आतंकियों को ढूंढने में 2 दिन लग गए थे, अपाचे में आतंकियों की तस्वीरें लेने और कमांडो को भेजने के उपकरण होंगे।
- पठानकोट और जम्मू का सांबा, कठुआ को पाकिस्तान कश्मीर का चिकन नेक मानता है। कश्मीर का संपर्क काटने को बार-बार यहीं हमले कराता है।
- खासकर पाक की ओर से आतंकी हमलों को रोकने में मददगार साबित होगा।
अंधेरे में भी ढूंढ निकालेंगे दुश्मन को
एएच 64ई अपाचे दुनिया के सबसे एडवांस मल्टी काम्बैट हेलिकाप्टर हैं। इनमें सेंसर लगे हैं, जिनकी मदद से हेलिकॉप्टर रात के अंधेरे में दुश्मन को तलाश कर खत्म कर सकता है। हाईक्वालिटी नाईट विजन सिस्टम है। जिससे दुश्मन को अंधेरे में भी ढूंढा जा सकेगा। यह मिसाइल से लैस हैं और एक मिनट में 128 लक्ष्यों पर निशाना साधा जा सकता है। भारी मात्रा में हथियार ले जाने की क्षमता है। 293 किमी प्रति घंटा उड़ सकता है तथा एजीएम-114 हेलिफायर मिसाइल से लैस है।
आतंकियों के निशाने पर रहा है पठानकोट और पंजाब का इलाका
पठानकोट एयरबेस पर अभी रूस निर्मित एमआई-25 और एमआई-35 हेलिकाप्टरों की एक यूनिट तैनात है। सेना के प्रवक्ता कर्नल देवेंद्र आनंद का कहना है कि इससे एयरफोर्स की ऑपरेशनल कैपेबिलिटी बढ़ जाएगी और पाकिस्तान बॉर्डर के साथ जम्मू-कश्मीर तक की एलओसी और आईबी को कवर किया जा सकेगा। दरअसल, पठानकोट और पंजाब का यह एरिया पाकिस्तानी आतंकियों के निशाने पर रहा है। आतंकियों ने 2016 में एयरबेस पर हमला कर फाइटर विमान सुरक्षित रखे जाने वाले टेक्निकल एरिया की ओर बढ़ने की कोशिश की थी।